IEX अगले महीने हाई प्राइस वाला ‘डे अहेड मार्केट’ सेगमेंट करेगा शुरू, 50 रुपये/यूनिट दर से बिकेगी बिजली
इसी महीने केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (CERC) ने IEX की याचिका पर तीन कैटेगरी के बिजली उत्पादकों को एचपी-डीएएम बाजार (HP-DAM market) में भाग लेने की मंजूरी दी थी.
इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (Indian Energy Exchange) ने हाई प्राइस डे अहेड मार्केट (High Price Day Ahead Market segment) सेगमेंट के मध्य तक पेश करने की योजना बनाई है, जिससे बिजली उत्पादक कंपनियां 50 रुपये प्रति यूनिट की ऊंची दर से बिजली बेच सकेंगी. इसी महीने केंद्रीय बिजली नियामक आयोग (CERC) ने IEX की याचिका पर तीन कैटेगरी के बिजली उत्पादकों को एचपी-डीएएम बाजार (HP-DAM market) में भाग लेने की मंजूरी दी थी. इनमें आयातित आरएलएनजी (RLNG) और नेफ्था (naphtha) का उपयोग करने वाले गैस आधारित बिजली स्टेशन, सिर्फ आयातित कोयले का इस्तेमाल करने वाले थर्मल प्लांट्स और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) शामिल हैं.
IEX के हेड- बिजनेस डेवलपमेंट, रेगुलेटरी अफेयर्स और स्ट्रैटेजी रोहित बजाज ने कहा, आईईएक्स को सीईआरसी से इंटिग्रेटेड डे अहेड मार्केट (I-DAM) सेगमेंट में हाई वैल्यू के डे अहेड मार्केट (HP-DAM) को पेश करने की मंजूरी मिल गई है. एनर्जी एक्सचेंज पर डे अहेड मार्केट (डीएएम) में बिजली की वर्तमान कीमत 12 रुपये प्रति यूनिट है.
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अपर प्राइस कैप के करंट लेवल के साथ बिजली उत्पादक कंपनियां अपने संयंत्रों के संचालन के लिए हाई वैरिएबल कॉस्ट पर एनर्जी एक्सचेंजेज पर बिजली बेचने के इच्छुक नहीं होते हैं और इसके परिणामस्वरूप बिजली उत्पादन क्षमता रुक जाती है.
50 रुपये में मिलेगी एक यूनिट बिजली
सीईआरसी ने इस महीने की शुरुआत में एक नया सेगमेंट एचपी-डीएएम शुरू करने की मंजूरी दी, जिसमें बिजली 50 रुपये प्रति यूनिट की कीमत पर बेची और खरीदी जा सकती है. हालांकि, नियामक ने एचपी-डीएएम बाजार के लिए बिजली की फ्लोर प्राइस नहीं रखी है. सीईआरसी ने एचपी-डीएएम बाजार में भाग लेने के लिए बिजली जनरेटर की तीन श्रेणियों को मंजूरी दी है - आयातित आरएलएनजी और नाफ्था का उपयोग करने वाले गैस आधारित उत्पादन स्टेशन, केवल आयातित कोयले और BESS का उपयोग करने वाली यूनिट्स.
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गर्मी में 230 गीगावॉट तक पहुंचेगी बिजली की मांग
इस साल अप्रैल में बिजली की मांग 230 गीगावॉट तक पहुंचने की उम्मीद है. बिजली मंत्रालय ने 15 प्लांट्स को पहले ही 16 मार्च से 15 जून तक पूरी क्षमता के साथ काम करने के लिए कहा है ताकि गर्मी के दौरान बिजली की आपूर्ति में किसी भी तरह की कमी से बचा जा सके. ऐसे प्लांट्स को बिजली पैदा करने के लिए इस्तेमाल होने वाले आयातित कोयले की ऊंची कीमत चुकाने की भी इजाजत दी गई है.
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(PTI इनपुट के साथ)
06:01 PM IST